Thursday, May 9, 2024

त्रिकाचार्य स्वामी राम जी

 

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संवित्  स्वरूप  त्रिकाचार्य स्वामी राम जी को नमन।
 
             

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 -----जया सिबू रैना
नमन् करते हैं आज के दिन,
 सभी----,
शैवी मुद्रा में
 श्रीमन्त् अभिनवगुप्त को
 देवी लल्लेशवरी को
 ईशवर स्वरूप स्वामी  राम   को
ज़िस ने त्रिक् शास्रत्र  को
 पुनः स्पन्दित किया
 अपने भाष्य से।
बना दिया विश्व में एक शैवी  गाथा 
 है शैवी गाथा क्या----
कैसा रहस्य---
 कुच्छ तो बता दो ?
कश्मीर  में इस का समाधान किया 
 शास्त्र  चर्चा से केवल
 समय की पुकार थी यह?
 या पारस्परिक शैवी त्रिवेणी का  उन्मेष?
किया  मृदुल  वाणी से
अथवा नैसर्गिक् उत्तर से समाधान
 अपना ही ऋषि ऋण चुका दिया
या कि दिव्य-दृष्टि का उन्मेष---
  लाने के लिय
जिसे कहते है वाक्-- स्फुरण।
अपने सुहृद् जनों को संवारने की चैत्य अवस्था 

मध्यमा प्रतिपदा से  अणुप्राणित किया हमें
त्रिकावस्था कहलाती  है उसे।  

वेद वाणी  गायत्री  के अवतीर्ण को
अपनी वाक् शक्ति से
सामान्य जन तक पहुंचा दिया।
जननी शारदा देवी की  भूमि में,
शक्ति से पुन: स्वीकृत
मातृ-शक्ति को समादृत करने के लिये
मन -प्राण- वाक् के समावेश् में ही
 नियमित किया। 
 शिव-शिव
 केवल शिव ही
 ३६ तत्त्वों का समावे  है ।
 अद्भुत   परिभाषा क्या है शैवी योग की!
 किसे कहते हैं अभीप्सा? कैसी अभीप्सा?
सिखा ही दिया शिव से साक्षत्कार क्या होता है
  तुम्हारे सन्तान
 कशमीर शैव दर्शन से अनु- प्राणित होते हैं।
उन्ही की निर्वाण  शताब्दी में 
विश्व में शैवी गाथा का पुण्य पर्व है
पुनः यह जान कर
 अब होगा देश और विदेश में
 यही गाथा शैवी 
 पुण्य पर्व है हमारा यही
 इस पर हमें गर्व है
क्योंकि इसी में है----,
 अहम् और् इदम् का समाधान
है  ऐसा मेरा विश्वास्  ।
 स्वामी राम जी को
 उनके सभी शिष्य वर्ग को

नमन  हैं अभिनवगुप्त को

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