इन संकेतों से जानें कब होगी मृत्यु !!
Jagran News Network
जन्म और मृत्यु इस ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी सच्चाई है। हमारे बहुत
सारे ग्रंथ में जन्म और मृत्यु के बारे में बताया गया है,पर आज हम आपको
शिवपुराण के बातों से अवगत कराएंगे। जिसमें मृत्यु के संकेतों के बारे में
बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि शिवपुराण में भगवान शिव ने माता पार्वती
को मृत्यु के संबंध में कुछ विशेष संकेत बताए थे। इन संकेतों को समझकर आप
ये जान सकते है कि किस व्यक्ति की मौत कितने समय में हो सकती है,तो आइए
जानें उन संकेतों के बारे में।
शिवपुराण के अनुसार जिस मनुष्य को ग्रहों के दर्शन होने पर भी
दिशाओं का ज्ञान न हो, मन में बैचेनी छाई रहे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 6
महीने में हो जाती है।
जब किसी व्यक्ति को अचानक नीली मक्खियां आकर घेर लें,तो माना जाता है कि उसकी आयु एक महीना ही शेष रह जाती है।
जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवा अथवा कबूतर आकर बैठ जाए, वह एक महीने के भीतर ही मर जाता है।
अगर अचानक से किसी व्यक्ति का शरीर सफेद या पीला पड़ जाए और लाल
निशान दिखाई दें तो समझना चाहिए कि उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो
जाएगी।
जिस मनुष्य का मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें, इस पुराण के अनुसार उसकी मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है।
जिस मनुष्य को चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 15 दिन के अंदर हो जाती है।
अरूंधती तारा व चंद्रमा जिसे न दिखाई दे अथवा जिसे अन्य तारे भी
ठीक से न दिखाई दें, ऐसे मनुष्य की मृत्यु एक महीने के भीतर हो जाती है।
त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता।
यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने अंदर उसकी आयु समाप्त हो जाएगी।
जब किसी व्यक्ति को जल, तेल, घी तथा दर्पण में अपनी परछाई न दिखाई दे, तो समझना चाहिए कि उसकी आयु 6 माह से अधिक नहीं है।
जब कोई अपनी छाया को सिर से रहित देखे अथवा अपने को छाया से रहित पाए तो ऐसा मनुष्य एक महीने भी जीवित नहीं रहता।
जब किसी मनुष्य का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता ही रहे, तब उसका जीवन एक मास ही शेष है, ऐसा जानना चाहिए।
जिस मनुष्य को ध्रुव तारा अथवा सूर्यमंडल का भी ठीक से दर्शन न
हो। रात में इंद्रधनुष और दोपहर में उल्कापात होता दिखाई दे तथा गिद्ध और
कौवे घेरे रहें तो उसकी आयु 6 महीने से अधिक नहीं होती। ऐसा शिवपुराण में
बताया गया है।
जो मनुष्य अचानक सूर्य और चंद्रमा को राहू से ग्रस्त देखता है
(चंद्रमा और सूर्य काले दिखाई देने लगते हैं) और संपूर्ण दिशाएं जिसे घुमती
दिखाई देती हैं, उसकी मृत्यु 6 महीने के अंदर हो जाती
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